आमेर तहसील में जमीन पर कब्जा करवाने का खेल, तहसीलदार के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए प्रशासनिक अधिकारी
जयपुर नाउ।
प्रदेश की कई तहसीलों में अफसरों की मिलीभगत से जमीन पर कब्जा करवाने व कब्जा हटाने का खेल चल रहा है। ऐसे ही एक मामले में जमीन पर कब्जा दिलवाने के नाम पर आमेर तहसीलदार सुभाष सिंह सेपट के लिए रिश्वत लेते सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) चंद्रशेखर प्रसाद बैरवा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सहायक प्रशासनिक अधिकारी परिवादी से खुद के लिए 7 हजार और प्रभारी तहसीलदार सुभाष सेपट के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत ले रहा था। एसीबी प्रकरण में प्रभारी तहसीलदार सुभाष सिंह सेपट की संलिप्तता की जांच कर रही है। परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी थी कि उसकी जमीन से कब्जा हटवाने के एवज में सहायक प्रशासनिक अधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद अपने व प्रभारी तहसीलदार सेपट के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान कर रहा है।
शिकायत के बाद एसीबी स्पेशल यूनिट-द्वितीय के एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड के नेतृत्व में सत्यापन किया गया और पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष मील व उनकी टीम ने ट्रेप की कार्यवाही की। सहायक प्रशासनिक अधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद पुत्र हनुमान प्रसाद बैरवा के हाल निवास प्लॉट नं. 49, जादौन नगर-ए, महारानी फार्म से रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। एसीबी के एडीजी दिनेश एमएन के निर्देशन में आरोपी से पूछताछ की जा रही है। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जाएगा।
रिश्वत मांग रहा है तो एसीबी में करे शिकायत :
एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने अपील की है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टोल फ्री हेल्पलाइन नं. 1064 व वॉट्सअप हेल्पलाइन नं. 94135-02834 पर संपर्क कर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे। एसीबी वैध कार्य को करवाने में पूरी मदद करेगी। एसीबी राज्यकर्मियों के साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्यवाही करने को अधिकृत है।
शादी के लिए छुट्टी लेकर गए हुए है तहसीलदार यादव, नायब तहसीलदार सेपट के पास है चार्ज :
आमेर तहसीलदार अनुराग यादव शादी के लिए छुट्टी पर है। इस कारण नायब तहसीलदार सुभाष सेपट के पास तहसीलदार का चार्ज है। आमेर में लगाए तहसीलदार अनुराग यादव गुड़ागौढ़जी में रहने के दौरान विवादित रहे है। पिछले साल फरवरी में एसीबी ने गुढ़ागौड़जी उपतहसील में वरिष्ठ लिपिक को 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। लिपिक ने पूछताछ में नायब तहसीलदार अनुराग यादव का भी रिश्वत मांगने में नाम सामने आया था। एसीबी ने मोबाइल के स्पीकर पर वरिष्ठ लिपिक की नायब तहसीलदार यादव से बात करवाई। इसके बाद पुलिस ने लोकेशन के आधार पर नायब तहसीलदार की तलाश की थी, लेकिन वे नहीं मिले। हालांकि बाद में यादव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि उनको झुंझूनू कलेक्ट्रेट लगाया रखा था। रेवेन्यू बोर्ड के स्थगन आदेश के बावजूद मौके पर गए नायब तहसीलदार यादव का वकील से विवाद हो गया था। जिसकी रेवन्यू बोर्ड चेयरमेन को भी शिकायत हुई थी। अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर उदयपुरवाटी उपतहसील में पटवारियों के तबादले करने पर पटवारियों ने भी कार्य बहिष्कार किया था।