आज अनंत चतुर्दशी : भगवान विष्ण की पूजा करने से मिलता है अनंत फल

धर्म डेस्क।  

अनंत चतुर्दशी को बहुत सी जगहों पर अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाए जाने वाले अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करके उनकी प्रसन्नता बेहद ही आसानी से हासिल की जा सकती है। ऐसे में भारत के कई राज्यों में इस पर्व को बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन बहुत से लोग उपवास करते हैं। बता दें कि इस दिन का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अनंत फल की प्राप्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जो कोई भी व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा करता है और व्रत करता है उसके जीवन में धन-धान्य, सुख संपदा, संतान, खुशी, आदि हमेशा बनी रहती है।

पूजा विधान :

इस दिन सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लें और पूजा में कलश की स्थापना करें। कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में कुश से बने अनंत की स्थापना करें। इसके बाद एक धागा लें और इसमें कुमकुम, केसर, हल्दी आदि रंग कर अनंत सूत्र तैयार कर लें। ध्यान रखें कि इस सूत्र में 14 गांठे होनी चाहिए। आप इसे भगवान विष्णु या अनंत के सामने रख दें। षोडशोपचार से पूजा करें और पूजा में इस मंत्र का जाप करें 

अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।

   अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।

इसके बाद रक्षा सूत्र को अपने हाथ में बांध लें।        

भगवान विष्णु की पूजा का महत्व

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा के विसर्जन के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी महत्व बताया गया है। कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा इस दिन हाथ में 14 गांठों वाला अनंत सूत्र भी बांधा जाता है।

अनंत सूत्र में 14 गांठों का क्या है महत्व?

अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा आदि करने के बाद हाथों में अनंत सूत्र बांधा जाता है। इस अनंत सूत्र में 14 गांठ 14 लोकों (भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल, वितल, सतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल लोक) से संबंधित माने गए हैं। अनंत सूत्र को बांधने के कई नियम भी बनाए गए हैं। जैसा कि कहा जाता है कि यह अनंत सूत्र हमेशा कपड़े या रेशम का होना चाहिए। इसके अलावा पुरुषों को दाहिने हाथ में अनंत सूत्र पहनना चाहिए और महिलाओं को बाएं हाथ में इसे धारण करना चाहिए। बहुत से लोग इस दिन व्रत भी करते हैं और भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा करते हैं।

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