संस्कृत विश्वविद्यालय ने आचार संहिता में किए तबादले, CEO के नोटिस के बाद निरस्त
अब होगी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही
Jaipur Now.
जयपुर के जगदपुरु रामान्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय ने लोकसभा चुनावों की आचार संहिता होने के बावजूद तीन सहायक आचार्य (असिस्टेंट प्रोफेसर) का तबादला कर दिया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी CEO प्रवीण गुप्ता ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस थमाया दिया है। नोटिस बाद विश्वविद्यालय प्रशासन बैकफुट पर आ गया और तीनों तबादला निरस्त कर दिए हैं। CEO ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है। अब आदर्श आचार संहिता उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी। निर्वाचन विभाग ने जयपुर जिला कलेक्टर से जांच करवाने व रिपोर्ट लेने के बाद यह कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय कुलसचिव डा. सुभाष शर्मा ने कुलपति रामसेवक दुबे से फाइल पर स्वीकृति के बाद अतिरिक्त चार्ज के नाम पर तीन सहायक आचार्च के तबादले किए थे। इस प्रकरण की हाई लेवल पर शिकायत हुई है। हालांकि अभी तक आचार संहिता उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई है।
कलेक्टर ने करवाई मामले की जांच:
संस्कृत विश्वविद्यालय के कार्यवाहक रजिस्ट्रार (कुलसचिव) डा. सुभाष शर्मा ने 3 अप्रैल को आदेश जारी कर तीन सहायक आचार्य को अतिरिक्त चार्ज देने के नाम पर तबादला कर दिया। आदेश में सहायक आचार्य डॉक्टर विनोद कुमार शर्मा को कुलानुशासक, डॉ. राजधार मिश्र को अनुसंधान केंद्र का निदेशक और और माता प्रसाद शर्मा को निदेशक शैक्षणिक परिसर लगाया। आदेश की कॉपी विश्वविद्यालय के कुलपति रामसेवक दुबे के कार्यालय भी भेजी गई। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बावजूद तबादला आदेश को लेकर निर्वाचन विभाग में इसकी शिकायत हुई। निर्वाचन विभाग को हुई शिकायत के बाद जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी गई। कलेक्टर ने विश्वविद्यालय से इस मामले में जानकारी ली और विधिक परीक्षण करवाया। कलेक्टर ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को रिपोर्ट भेजी।