रीको के अफसरों की मिलीभगत! विश्वकर्मा में गैर कानूनी बिल्डिंगों का ‘अवैध उद्योग’

सरकारी स्कूल में बच्चे नहीं पाएंगे सूर्य नमस्कार
जयपुर नाउ।
जयपुर के विश्वकर्मा इण्डस्ट्रियल एरिया में रीको के अफसरों की मिलीभगत व शह पर बिल्डिंग बायलॉज व शेडबैक की अवहेलना करने वाली बिल्डिंगों का ‘अवैध उद्योग-धंधा’ पनप रहा है। ऐसा ही एक मामला विश्वकर्मा के रोड नं. 14 पर सरकारी स्कूल के नजदीग सामने आया है। सरकारी स्कूल के पूर्व में पिछले एक महीने से बड़ा गोदाम बनाया जा रहा है। गोदाम के टीनशेड की ऊंचाई 25 फीट से ज्यादा है और गोदाम बनाते समय रीको के तय नियमों की पालना भी नहीं की जा रही है। जब स्कूल के बच्चों, अभिभावकों व शिक्षकों ने आपत्ति की तो उन्हे स्कूल को ही बंद करवाने व शिक्षकों को ट्रांसफर करने की धमकी दी गई। शिकायतों के बाद खानापूर्ति करने के लिए रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक केके कोठारी ने स्वामी होटल्स एंड एम्युजमेंट्स प्रा. लि. को 10 अक्टूबर को नोटिस दिया, लेकिन कार्यवाही नहीं की।

सब बिके हुए है, धड़ल्ले से काम चल रहा है: स्थानीय निवासी
स्थानीय निवासियों व अभिभावकों का कहना है कि इस गोदाम के बनने से स्कूल में सूर्य की रोशनी भी नहीं आएगी। बच्चे सूर्य नमस्कार भी नहीं कर पाएंगे। एक कांग्रेस के नेता को शिकायत की तो उन्होने कार्यवाही करवाने के बजाए उदयोगपति का काम चलने की सिफारिश कर दी। उद्योगपति ने नेताओं के साथ ही रीको व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को खरीद लिया है। यह भ्रष्टाचार की इंतहा है। पिछले पांच दिन की सरकारी छुटि्टयों का फायदा उठा कर काम चल रहा है। अब बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत करेंगे। इसके बाद स्कूल के बाहर धरना देंगे।
यह है मामला :
रीको को हुई शिकायत में कहा गया है कि विश्वकर्मा में रोड नं. 14 पर प्लॉट- सीपीई-2 है। यह 1989 में होटल व रेस्टोरेंट के लिए अलॉट हुआ था। इस खरीददार ने यहां कुछ बनाने के बजाए केवल एक झोपडी व कुछ कमरे की औपचारिकता कर ली। इसके बाद कंपनी से कंपनी ट्रांसफर होती रही। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है।
रीको के नक्शा के अनुसार सामने रोड (पूर्व) की तरफ 12 मीटर का शेडबैक होना चाहिए। इसके साथ दक्षिम, उत्तर व पश्चिम की तरफ कम से कम 6-6 मीटर का शेड बैक छोड़ा जाना चाहिए था। पीछे पश्चिम और उत्तर की सरकारी स्कूल व शिक्षा विभाग की बिल्डिंग है। लेकिन उद्योगपति ने किसी भी नियम की पालना नहीं किया।

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