जेडीए जोन-13: मोठू का बास गांव में 11 बीघा कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी, प्रवर्तन विंग ने तोड़ी

जयपुर नाउ।
जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन 13 में सीकर रोड स्थित मोठू का बास (राजावास) में 11 बीघा कृषि भूमि पर बसाई जा रही दो अवैध कॉलोनी को प्रवर्तन विंग ने ध्वस्त कर दिया। जेडीए जोन 13 में डिप्टी कमिश्नर निशा और प्रवर्तन अधिकारी गणेश सैनी है।
मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया जोन-13 के क्षेत्राधिकार सीकर रोड़ पर अवस्थित ग्राम-माटू का बास के खसरा नं. 11 में करीब 05 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर बिना भूरूपान्तरण कराये नवीन अवैध आवासीय कॉलोनी बसाने के लिये डाली गयी ग्रेवल सडको को पूर्व में दिनांकः 23.09.2021 व 27.12.2021 को ध्वस्तीकरण किया जाकर जविप्रा अधिनियम 1982 की धारा 37(2) के तहत ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में खर्चा राशि 67173 रूपये वसूली हेतु दिनांक 22.12.2021 को नोटिस जारी किया गया राजस्थान कृषि अधिनियम 1956 की धारा 175 के तहत अग्रिम कार्यवाही हेतु उपायुक्त जोन-13 को पत्र लिखा गया था। उक्त भूमि पर पुनः अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयोजनार्थ बिना जेडीए की अनुमति व स्वीकृति के सडको को पुनः ठीक करने एवं बनायी जा रही ग्रेवल सड़के, व अन्य अवैध निर्माणों को जोन-13 के राजस्व व तकनीकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा जेसीबी मशीन व मजदूरों की सहायता से पूर्णतः ध्वस्त किया जाकर नवीन अवैध आवासीय कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया गया।
जेडीए द्वारा कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करने व गैर कृषि उपयोग किये जाने के कारण संबंधित निजी खातेदारों के विरूद्ध धारा 175 राजस्थान कास्तकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही कर खातेदारी सरकार के नाम करने के सबंध में विधिसम्मत कार्यवाही हेतु पुनः जोन उपायुक्त-13 को लिखा गया है। संबंधित से जेडीए के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही का नियमानुसार खर्चा-वसूली व अवैध कॉलोनी बसाने वाली सोसायटियों के विरूद्ध रजिस्ट्रार, सहकारिता विभाग को नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही हेतु लिखे जाने की कार्यवाहियॉ सुनिश्चित की जा रही हैं। ताकि अवैध कॉलोनी बसाने की प्रवृति पर प्रभावी अंकुश स्थापित हो सके।

कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करने व गैर कृषि उपयोग किये जाने के कारण संबंधित निजी खातेदारों के विरूद्ध धारा 175 राजस्थान कास्तकारी अधिनियम के तहत् कार्यवाही हेतु 67 पत्र उपायुक्त जोनस् को लिखे गये है तथा 43 निजी खातेदारो के विरूद्ध अवैध कॉलोनियों के ध्वस्तीकरण में मानवीय व भौतिक संसाधनो का सम्पूर्ण खर्च राशि का अकाउन्ट से आकंलन करवाकर नियमानुसार जविप्रा अधिनियम की धारा 37(2) के तहत् नोटिस जारी किये गये है; ऐसे मामलो में अब तक 7 निजी खातेदारो द्वारा कुल रिकवरी राशि 5,83,820/- रू जविप्रा कोष में जमा करवायी जा चुकी है; शेष रिकवरी वसूली के संबंध में प्रभावी अग्रिम विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है।

वर्ष 2019, 2020 व 2021 में कुल 342 नवीन अवैध कॉलोनियो तथा वर्ष 2022 में कोरोना काल की तीसरी लहर के चलते अब तक 47 नवीन अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त कर नवीन अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयासों को विफल किया गया। जविप्रा क्षेत्राधिकार में नवीन कॉलोनी काटने के प्रकरणों में ’’जीरो टोलरेंगसश्श् की नीति अपनाकर अविलंब प्रभावी विधिसम्मत कार्यवाही एवं पूर्ण ध्वस्तीकरण सुनिश्चित किये जा रहे हैं। फलतः वर्तमान में नवीन अवैध कॉलोनी काटने की प्रवृति पर प्रभावी अंकुश स्थापित हुआ हैं।

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